पाप, अन्याय, अधर्म और निर्दयता ने, अपना पैर पसराया है। पाप, अन्याय, अधर्म और निर्दयता ने, अपना पैर पसराया है।
मैत्रेय जी कहें विदुर जी से कि पृथु के निन्यानवें यज्ञों से! मैत्रेय जी कहें विदुर जी से कि पृथु के निन्यानवें यज्ञों से!
स्तुति से मोक्ष तो पाया ही होगा पर इससे पहले लोक - परलोक में! स्तुति से मोक्ष तो पाया ही होगा पर इससे पहले लोक - परलोक में!
शिव अर्पण शिव अर्पण
बसिया तू मतवारो कान्ह उरझी पैंजनि नेक सुरझाय दे। लला देखन दै सिर मोर मुकुट मोय चटक चुनरिया पहराय दै... बसिया तू मतवारो कान्ह उरझी पैंजनि नेक सुरझाय दे। लला देखन दै सिर मोर मुकुट मोय ...
और मेरे रोज़ पहनने के लिए अपने हाथों से छुए मुझे, बस इतने में तो मैं भवसागर पार हों जा और मेरे रोज़ पहनने के लिए अपने हाथों से छुए मुझे, बस इतने में तो मैं भवसागर प...